श्री मंगलनाथ मंदिर

उज्जयिनी स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री मंगलेश्वर महादेव (श्री मंगलनाथ) के बारे में यह जनकथा प्रचलित है कि मंगल ग्रह की उत्पत्ति यहीं से हुई थी। पुराणों के अनुसार उज्जैन नगरी को मंगल की जन्म स्थान कहा जाता है। देश-विदेश से कई लोग जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है या जिनका मंगल भारी होता है, अपने मंगल दोष निवारण के लिए यहाँ मंगलनाथ भगवान के शिव स्वरुप लिंग का पूजन-अर्चन करने आते हैं।

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पंडित आलोक कुमार चौबेशासकीय पुजारी – मंगलनाथ मंदिर, उज्जैन

मंगल ग्रह की उत्पत्ति का वृत्तांत स्कन्द पुराण के अवंतिका खंड में मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक समय में उज्जैन में अंधकासुर नाम का प्रसिद्ध दैत्य रहता था। उसके बलशाली पुत्र का नाम कनकदानव था। एक बार कनकदानव ने देवताओं के स्वामी इंद्र को युद्ध के लिए ललकारा।

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शिव स्वरुप मंगल, २१ विभाग के अधिपति है, इन की पूजा से समस्त विभागों का लाभ प्राप्त होता हे

पूजन का कारण

मंगल दोष के निवारण हेतु आप मंगल पूजन में भात पूजन, गणेश गौरी पूजन, मंगल कलश पूजन और पंचामृत पूजन, दही भात पूजन और नवग्रह पूजन का प्रावधान है।

Reasons for Poojan

For complete end of mangal dosha you can do bhat pujan, ganesh gauri pujan, mangal kalash pujan and panchamrut pujan, dahi bhat pujan and nava grah pujan in the Mangalnath shrine.

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